Monday, 2 September 2013

मुशायरा ब्लॉग

तुम्हारे खफा होने से मेरी जिंदगी तन्हा हो जाती है,
तुम्हारे गम से मेरी हस्सी मायुस हो जाती है ,
बस मुस्कुरदो जरासा क्युंकी तुम्हारी हस्सी से
मेरी जिंदगी जन्नत बन जाती है |
rose - a Symbol of 'Pyar'..

क्यो लेती हो दर्द मेरे होते हुये ,
तुम्हारे हर गम तो मेरे है |
खुश रहो हमेशा मेरे हम दम
तुम्हे खुश रखना ही मेरा मक्सद है |

जिस तरह एक क्षमा काफी है
अंधेरो को मिटाने के लिये ;
जिस तरह एक आवाज काफी है
सन्नाटे को दूर करने के लिये ;
बस उसी तरह तेरी एक हस्सी काफी है
मेरे जहान को खुबसुरत बनाने के लिये |

दिल को आया सुकून तेरे दीदार से
अब न होना रुक्सत अपने दिलदार से
तेरे होने से हम है
वरना क्या लेना हमे इस जहान से |

मुंबय                                                                                                          - अंकित दत्ता
०२ सप्टेंबर २०१३                                                                                 रामनारायण रुईया कॉलेज, मुंबई



Blog Code - B-10
Blog Writer Code - BL06
Date:02/09/2013

Jai Hind!

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