तुम्हारे खफा होने से मेरी जिंदगी तन्हा हो जाती है,
तुम्हारे गम से मेरी हस्सी मायुस हो जाती है ,
बस मुस्कुरदो जरासा क्युंकी तुम्हारी हस्सी से
मेरी जिंदगी जन्नत बन जाती है |
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rose - a Symbol of 'Pyar'.. |
क्यो लेती हो दर्द मेरे होते हुये ,
तुम्हारे हर गम तो मेरे है |
खुश रहो हमेशा मेरे हम दम
तुम्हे खुश रखना ही मेरा मक्सद है |
जिस तरह एक क्षमा काफी है
अंधेरो को मिटाने के लिये ;
जिस तरह एक आवाज काफी है
सन्नाटे को दूर करने के लिये ;
बस उसी तरह तेरी एक हस्सी काफी है
मेरे जहान को खुबसुरत बनाने के लिये |
दिल को आया सुकून तेरे दीदार से
अब न होना रुक्सत अपने दिलदार से
तेरे होने से हम है
वरना क्या लेना हमे इस जहान से |
मुंबय - अंकित दत्ता
०२ सप्टेंबर २०१३ रामनारायण रुईया कॉलेज, मुंबई

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Date:02/09/2013
Jai Hind!
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